कोर्स विवरण (Course Description):
यह कोर्स छात्रों को इंडक्टिव बाइबिल अध्ययन विधि (Inductive Bible Study Method) से परिचित कराता है — यह एक व्यवस्थित और आत्मिक तरीका है बाइबिल को पढ़ने, समझने और जीवन में लागू करने का। यह अध्ययन विधि तीन मुख्य चरणों पर आधारित है: अवलोकन (Observation), व्याख्या (Interpretation), और अनुप्रयोग (Application)। यह कोर्स विशेष रूप से हिंदी भाषी शिक्षार्थियों के लिए तैयार किया गया है, जिससे वे आत्मिक विकास, व्यक्तिगत आराधना, और प्रभावशाली सेवकाई के लिए परमेश्वर के वचन में गहराई से जड़ पा सकें।
कोर्स उद्देश्य (Course Objectives):
- डिडक्टिव और इंडक्टिव अध्ययन विधियों के बीच का अंतर समझना।
- बाइबिल की संरचना और मुख्य विषयवस्तु की बुनियादी जानकारी प्राप्त करना।
- इंडक्टिव अध्ययन की तीन मुख्य कौशल — अवलोकन, व्याख्या, अनुप्रयोग — को सीखना और प्रयोग करना।
- गहरे, प्रार्थनामय और प्रसंगानुसार बाइबिल अध्ययन की आदतें विकसित करना।
- स्वयं को और दूसरों को सत्य की खोज, चरित्र निर्माण और दैनिक जीवन में बाइबिल सिद्धांतों के अनुप्रयोग के लिए सक्षम बनाना।
सीखने के परिणाम (Learning Outcomes):
- बाइबिल के प्रमुख भागों, संरचना, और तथ्यात्मक जानकारी की पहचान करना।
- 6W & H (कौन, क्या, कब, कहाँ, क्यों, कैसे) जैसे प्रश्नों से ग्रंथ का गहराई से अवलोकन करना।
- साहित्यिक, ऐतिहासिक, और धार्मिक प्रसंग में ग्रंथ की व्याख्या करना।
- व्यक्तिगत, पारिवारिक, और सामाजिक जीवन में बाइबिल के सत्य को व्यावहारिक रूप से लागू करना।
- इंडक्टिव पद्धति का उपयोग करके बाइबिल अध्ययन समूहों का नेतृत्व या भागीदारी करना।
Course Content
बाइबिल क्या है? (What is the Bible?)
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बाइबिल क्यों पढ़ें? (Why read the Bible?)
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बाइबिल अध्ययन की विधियाँ (Methods of Bible Study)
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इंडक्टिव अध्ययन की तीन मुख्य कौशलें (Three Key Skills of Inductive Study)
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वर्कशॉप उदाहरण (Sample Workshop):
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प्रश्नोत्तरी:
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